लखनऊ जहां एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली में सरकार बनाने के बाद और सख्त हो गए हैं और अपने प्रदेश की जनता के लिए हित करने में जुट गए हैं साथ ही अपने अधिकारियों को भी आए दिन में कहते रहते हैं कि प्रदेश में किसी भी महिला के साथ अत्याचार ना हो और उसके साथ न्याय हो लेकिन प्रदेश की राजधानी का हाल कुछ अलग ही है जहां एक गर्भवती महिला न्याय के लिए दर-दर ठोकरे खाने पर मजबूर है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई भी नहीं है दो दिन से महिला अपने साथ हुई मारपीट वा बदसुलूकी की शिकायत लेकर थाने के चक्कर लगा रही थी लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी जिसके चलते आज वह लखनऊ के कमिश्नर से मिलने उनके ऑफिस पहुंची जहां पर उन्हें उनके क्षेत्र के डीसीपी से मिलने के लिए कहकर पीड़ित गर्भवती महिला को वापस भेज दिया। इधर-उधर घूम कर परेशान हो चुकी महिला ने मीडिया से अपने साथ हुई घटना की बात बताकर मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है और साथ ही यह भी कहा कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी अब देखने वाली बात यह है होगी कि मीडिया में खबर चलने के बाद उच्च अधिकारी पीड़ित गर्भवती महिला के साथ किस तरह से न्याय करते हैं जानकारी के अनुसार पीड़ित की माने तो वह चिनहट के घावा राय एनक्लीव गेट चिनहट की रहने वाली है पीड़िता 7 जून को रात करीब 8:00 बजे वह घर का कुछ सामान लेने के लिए अपने घर के सामने स्थित दुकान पर आई हुई थी। लेकिन इस दौरान नशे में धुत कुछ लोगों ने उसके साथ बदतमीजी की । व गाली गलौज की जिसके चलते पीड़ित महिला ने इसका विरोध किया विरोध करने से नाराज होकर नशे में धुत दबंगों ने महिला की जमकर पिटाई कर दी व उसके कपड़े फाड़ दिए। साथी उसे भद्दी भद्दी गालियां भी दी वही आवाज सुनकर आज पड़ोस के लोगों ने गर्भवती महिला की जान बचाई इसके बाद महिला ने डायल 112 पर पुलिस को इसकी सूचना दी मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे थाने भेज कर वहीं से कार्रवाई की बात कही जिसके चलते पीड़ित अपने परिवार के साथ थाने पहुंचा लेकिन थाने पर उसके साथ हुई घटना का किसी ने संज्ञान तक नहीं लिया बल्कि उसे समझाया बूझकर दूसरे दिन आने को बोलकर महिला को वापस भेज दिया इसके बाद महिला दूसरे दिन करीब देर रात तक थाने में बैठी रही लेकिन चेन्नई थाने ने उसकी एक न सुनी जिससे परेशान होकर पीड़ित गर्भवती महिला ने आज लखनऊ के कमिश्नर के ऑफिस पहुंचकर उनसे मिलने का प्रयास किया लेकिन कमिश्नर से मुलाकात ना हो पाए और कमिश्नर ऑफिस में तैनात पुलिस कर्मी ने उसे उसके क्षेत्र के डीसीपी के पास जाने की बात कह कर उसे वहां से विदा कर दिया । इधर-उधर घूम कर परेशान हो चुकी महिला ने मीडिया से अपने साथ हुई घटना की बात बताकर मीडिया के के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है और साथ ही यह भी कहा कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी अब देखने वाली बात यह है कि मीडिया में खबर चलने के बाद उच्च अधिकारी पीड़ित गर्भवती महिला के साथ किस तरह से न्याय करते हैं |
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