Categories

February 15, 2025

skdarpannews

ASHALI SURAT DIKHATA

बापू की रिहाई को लेकर कई सगठनो ने मिल राज्यसभा सांसद तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को दिया ज्ञापन

बापू की रिहाई को लेकर कई सगठनो ने मिल राज्यसभा सांसद तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को दिया ज्ञापन

बापू की रिहाई को लेकर कई सगठनो ने मिल राज्यसभा सांसद तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को दिया ज्ञापन

खनऊ मे आज पिछले कई सालो से जेल मे बंद संत श्री आशाराम बापू के निर्दोष हो के कई सबूत लेकर लखनऊ के कई धार्मिक संगठनों ने बापू  की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर राज्यसभा सांसद तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को दिया ज्ञापन | और कहा उनके संत श्री आशाराम बापू पिछले कई सालो से निर्दोश होने के बावजूद जेल मे बंद है और इस वक्त उनकी हालत बहुत गंभीर है और वह अस्पताल मे भर्ती है फिर भी न्यायलय उन्हे बेल नहीं दे रही है और न ही इसपर सरकार भी मदद नहीं कर रही है | इस लिये आज हम लोगो ने दिनेश शर्मा के आवास आकर उनको एक ज्ञापन दिया और कहा है कि उनकी सरकार मदद करे | वही राज्यसभा सांसद तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने उनका ज्ञापन ले सभी को आश्वाशन दिया की सरकार उनकी जो हो सकेगी मदद जरूर करेगी | और यह भी कहा हम लोग जनता के प्रतनिधि है |

श्री योग वेदांत सेवा समिति लखनऊ युवा सेवा संघ लखनऊ तथा महिला उत्थान मंडल लखनऊ उत्तर प्रदेश  के हजारों संख्या में दिखे लोग सेवाधारियों द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के नाम से राज्य सभा सांसद एवम पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री दिनेश शर्मा जी को पूज्य संत श्री आशारामजी बापू रिहाई की मांग की शीघ्र अतिशीघ्र रिहाई व उन्हें उनकी इच्छानुसार चिकित्सा सुविधा दिए जाने की माँग करते हुए हेतु ज्ञापन सौंपा गया ।
इस संबंध में संचालक श्री अर्जुन भाई ने बताया कि झूठे आरोपों के तहत जोधपुर कारागार में रखे गये 86 वर्षीय संत आशारामजी बापू के स्वास्थ्य की स्थिति बिगड़ती जा रही है अत्यंत नाजुक है  जेल जाने से पूर्व 74 की उम्र में अतिव्यस्त जीवनशैली के बावजूद बापूजी को सिर्फ ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया व पीठ दर्द की तकलीफ थी लेकिन 11 5 वर्ष से अधिक समय से लगातार कस्टडी के तनावयुक्त वातावरण से अब 86 वर्ष की इस वयोवृद्ध अवस्था में उनको हृदयरोग हो गया पौरुष ग्रंथि की वृद्धि prostate enlargement संधिवात  arthritis  एवं रक्ताल्पता  anaemia आदि नयी बीमारियों ने भी घेर लिया है  तनावमुक्त वातावरण में इच्छानुसार चिकित्सा आदि के अभाव से इन प्राणघातक बीमारियों की निवृत्ति न होने से उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है