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November 2, 2024

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चित्रांश महासभा अंतर्गत वैवाहिक परिचय सम्मेलन व पत्रिका का हुआ विमोचन

चित्रांश महासभा अंतर्गत वैवाहिक परिचय सम्मेलन व पत्रिका का हुआ विमोचन

लखनऊ मे अखिल भारतीय चित्रांश महासभा का वैवाहिक परिचय सम्मेलन शनिवार को बड़ी धूमधाम से भगवान श्री चित्रगुप्त मंदिर लखनऊ में धूमधाम से मनाया गया। बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने इसका लाभ उठाया और अनेक युवक व युवतियों ने आपस में परिचय प्राप्त करके एक दूसरे के बारे में जानकारी की। सम्मेलन मे मुख्य अतिथि के रूप मे पूर्व उप-मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य डॉक्टर दिनेश शर्मा और अखिल भारतीय चित्रांश महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव वर्मा पहुंचे इस पवन मौके पर एक वैवाहिक परिचय पत्रिका का विमोचन किया गया। साथ ही इस मौके पर कई जिलाओ के नए पद अधिकारियो प्रसासनि पत्र भी दिया गए | साथ ही बच्चो दौरा रगरग करिकम का भी आयोजन हुवा |
मुख्य अतिथि डॉक्टर शर्मा ने कहा कि “कायस्थ की हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका रही है। देश की आजादी की लड़ाई में सुभाष चंद्र बोस जैसे वीरों ने अपना अहम योगदान दिया और और देश के लिए कुर्बान हो गए। आजादी के बाद भी देश के पहले राष्ट्रपति भी चित्रांश डॉ राजेंद्र प्रसाद हुए संविधान के निर्माण में भी संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद रहे और प्रेम रायज्यादा ने संविधान की पहली प्रति अपने हाथों से लिखी थी। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को कौन नहीं जानता उसे कायस्थ नेता ने उसका इस नेता ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटा दी और लाहौर तक पहुंच गया। प्रशासन में भी कायस्थों का काफी समय तक दबदबा रहा।”
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कायस्थों की सदैव हिमायती रही है और उनसे भी व्यक्तिगत तौर पर चित्रांशों के लिए जो भी मदद संभव होगी वह अवश्य करेंगे। उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए आयोजनों को बधाई दी और कहा कि ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए इससे समाज में एक जुटता की भावना पैदा होती है।

अखिल भारतीय चित्रांश महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव वर्मा ने कहा कि “अब समय आ गया है की चित्रांशों को सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी के लिए उठकर खड़ा होना पड़ेगा और संघर्ष करना होगा। इस संघर्ष के लिए एकजुट होना बहुत आवश्यक है। इसलिए में सबसे अपील करता हूं की साथियों हम सब मिलकर समाज में अपनी पहचान बनाने और प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें।” संस्था के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सक्सेना ने कहा कि कि हमें अपने अस्तित्व बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि हम आपसी भेदभाव भूलकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें।

सम्मेलन में मुख्य रूप से विनोद श्रीवास्तव,सरिता वर्मा, वीरेन्द्र सक्सेना, विमलेश कुमार श्रीवास्तव, ई० सुभाष, के. सरन, राजेश श्रीवास्तव, राजन सक्सेना, विशाल श्रीवास्तव, अमिताभ बिहारी वर्मा, नेपोलियन सक्सेना, राहुल सेन, वेद रतन श्रीवास्तव, अभिषेक खरे, अंजनी श्रीवास्तव, रत्ना श्रीवास्तव, मिथिलेश श्रीवास्तव, अरुणिमा श्रीवास्तव, विनीता श्रीवास्तव, रूबी राज सिन्हा, ममता भटनाटर, निरंजन श्रीवास्तव, अर्चना श्रीवास्तव, ममता सक्सेना, अनीता श्रीवास्वत, भानु प्रताप सिंह, अरुण निगम, दीपक रंजन, लालजी, अशोक श्रीवास्तव, अभिनव श्रीवास्तव, डॉ० हरीश निगम, सुधांशु श्रीवास्तव, चन्द्रशेखर निगम, अनिल खरे, मोहित निगम, नरेन्द्र निगम, लाला जीवन, बृजेश श्रीवास्तव (लाला), सचिन सोनी (शेरू), अंशुल निगम, प्रियांशु निगम, सर्वेश श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित रहें।